आईआईटी रुड़की ने नवाचार एंव विकसित भारत@2047 के विजन के साथ गर्व से 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया

रुड़की । 178 वर्षों से भी अधिक की विरासत वाले एशिया के पहले इंजीनियरिंग कॉलेज, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने ऐतिहासिक जेम्स थॉमसन भवन के सामने भव्यता एंव देशभक्ति के उत्साह के साथ 79वें स्वतंत्रता दिवस व भारत की स्वतंत्रता की 78वीं वर्षगांठ मनाई। इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों ने एकता व राष्ट्रीय गौरव की जीवंत अभिव्यक्ति की।

समारोह का शुभारंभ ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता कवि सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित कुलगीत – जयति जयति विद्या संस्थान के भावपूर्ण गायन से हुआ। संस्थान की भावना को समर्पित एक गीतात्मक स्तुति के रूप में प्रतिष्ठित, कुलगीत काव्यात्मक गरिमा और शाश्वत मूल्यों का सम्मिश्रण है, जो छात्रों की पीढ़ियों को ज्ञान, निष्ठा एंव नवाचार के साथ राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। इसके बाद, निदेशक ने सैनिक सलामी का निरीक्षण किया एंव राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिसका उपस्थित जनसमूह ने ज़ोरदार जयघोष के साथ स्वागत किया।

संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, प्रो. पंत ने आईआईटी रुड़की के बढ़ते वैश्विक सहयोग, रिकॉर्ड तोड़ पेटेंट फाइलिंग, उद्योग को सफल प्रौद्योगिकी हस्तांतरण व राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के तहत उत्कृष्टता केंद्र के रूप में इसकी हाल की मान्यता के साथ-साथ कई अन्य उपलब्धियों को रेखांकित किया, जो अनुसंधान, नवाचार एंव राष्ट्र निर्माण में संस्थान के नेतृत्व की पुष्टि करते हैं।
अपने संबोधन में, आईआईटी रुड़की के निदेशक, प्रो. कमल किशोर पंत ने कहा, “स्वतंत्रता दिवस हमारे राष्ट्र को आकार देने वाले बलिदानों और आदर्शों की याद दिलाता है और एक आत्मनिर्भर, समावेशी एंव विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी भारत की दिशा में काम करने की प्रेरणा देता है। आईआईटी रुड़की में, हमारा दृष्टिकोण शोध पत्रों और रैंकिंग से कहीं आगे जाता है, यह वास्तविक दुनिया में प्रभाव डालने के बारे में है। ग्रामीण समुदायों के लिए स्थायी प्रौद्योगिकियों के निर्माण से लेकर एआई और डेटा विज्ञान, अर्धचालक, स्थायी स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, महत्वपूर्ण खनिजों और आपदा प्रबंधन में अग्रणी प्रगति तक, हम ऐसे समाधान विकसित कर रहे हैं जो लोगों को सशक्त बनाते हैं और राष्ट्र को मजबूत बनाते हैं। हमारे मूल में नवाचार और भविष्य के लिए तैयार प्रतिभा को हमारी प्रेरक शक्ति के रूप में, हम विकसित भारत@2047 के विजन को साकार करने की दिशा में अपनी यात्रा में दृढ़ हैं।”
समारोह में एबीएन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, अनुश्रुति एकेडमी फॉर द डेफ व आईआईटी रुड़की की सांस्कृतिक सोसायटी के छात्रों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें भारत की समृद्ध विरासत और स्वतंत्रता एवं एकता के मूल्यों को दर्शाया गया।
दिन के उत्साह को और बढ़ाते हुए, दोपहर में थिंक इंडिया, आईआईटी रुड़की द्वारा आयोजित तिरंगा यात्रा में छात्रों, कर्मचारियों एंव शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। राजीव भवन के सामने एमएसी गेट से शुरू हुआ यह जुलूस राष्ट्र के आदर्शों के प्रति आईआईटी रुड़की समुदाय की सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक था।
इस कार्यक्रम का समापन उत्कृष्टता, अखंडता एंव नवाचार को बनाए रखने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ हुआ, जिसने भारत और उसके बाहर परिवर्तनकारी बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में आईआईटी रुड़की की भूमिका की पुष्टि की। परंपरा में डूबा हुआ और नवाचार से प्रेरित, यह संस्थान उत्कृष्टता, प्रगति और एक सतत भविष्य की ओर राष्ट्र की यात्रा को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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